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Satta Matka: What is Satta Matka मटका क्या है और इसे कैसे खेला जाता है

What is Satta Matka : सट्टा मटका Satta Matka एक प्रकार का भारतीय जुआ है जिसमें लोग अंकों के आधार पर दांव लगाते हैं। सट्टा मटका Satta Matka की शुरुआत 1960 के दशक में मुंबई से हुई थी। इसका नाम मिट्टी के बर्तन मटके से आया है जिनमें से पहले लकी नंबर निकाले जाते थे।

सट्टा मटका Satta Matka में लोग 0 से 9 तक के अंकों पर दांव लगाते हैं। एकल अंक, अंकों का जोड़ा या अंकों की एक श्रृंखला पर दांव लगाया जा सकता है। प्रतिदिन मटका ऑपरेटर एक मटके या कंटेनर से यादृच्छिक रूप से नंबर निकालते हैं जिसे ओपनिंग नंबर कहा जाता है।

अगर किसी पंटर का दांव इस निकले नंबर पर लगा होता है तो उसे बड़ा पैसा मिलता है। सट्टा मटका Satta Matka में जोखिम बहुत अधिक होता है पर फायदे भी बड़े हो सकते हैं। भारत में यह गैरकानूनी जुआ है।

मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद, राजकोट और सूरत जैसे शहरों में मटका बाजार हैं जहाँ बड़े पैमाने पर मटका का सट्टा लगता है। यहाँ ‘मटका किंग’ नाम के माफिया लोग मटका का संचालन करते हैं।

सट्टा मटका Satta Matka कैसे खेला जाता है:

  • सबसे पहले मटका कंपनी का चुनाव करें जिनपर दांव लगाना है। प्रमुख कंपनियों में कल्याणजी, राजधानी, मिलान आदि हैं।
  • फिर वो अंक या अंकों का क्रम चुनें जिनपर दांव लगाना है जैसे – 4, 67, 145 आदि।
  • दांव की रकम तय करें जो लगानी है। यह 100 रुपये से लेकर कई लाख तक हो सकती है।
  • फिर निर्धारित समय पर मटका कंपनी वाले एक मटके से नंबर निकालते हैं जिसे ओपनिंग नंबर कहते हैं।
  • अगर ओपनिंग नंबर पर दांव जीतता है तो पैसे का भुगतान होता है नहीं तो सारा पैसा गंवाना पड़ता है।
  • मटका में जीते गए पैसे पर भारी कर लगता है।

इस प्रकार सट्टा मटका Satta Matka एक खतरनाक जुआ है जिसमें पैसा बर्बाद होने का खतरा रहता है। यद्यपि यह गैरकानूनी है पर कुछ शहरों में बहुत प्रचलित है। अधिकांश लोग इससे दूर रहना ही बेहतर समझते हैं।

टर्ममिनिंग
मटकाइसका मतलब मिट्टी के मटके से होता है जिसमें पुराने समय में पर्चियां डाली जाती थी
सिंगल0-9 के बीच की कोई भी संख्या
जोड़ी/पेयर00-99 के बीच की कोई भी संंख्या
पत्ती/पन्नातीन नंबरों की संख्या
ओपन रिजल्ट/क्लोज रिजल्टमटका जुएं का नतीजा
बेरिजजोड़ी के कुल जमा के अंतिम अंक
What is Satta Matka

सट्टा मटका Satta Matka कब शुरू हुआ: Satta Matka

सट्टा मटका Satta Matka की शुरुआत भारत में 1960 के दशक में हुई थी। इसकी शुरुआत मुंबई शहर से मानी जाती है। मुंबई में 1960 के दशक के मध्य में रविवार को एक बड़ा बाजार लगता था जिसे ‘मटका मार्केट’ के नाम से जाना जाता था। यहां कुछ लोग एक मटके में कागज के टुकड़े डालकर उसमें से रैंडम नंबर निकालते थे और लोग उन नंबरों पर दांव लगाया करते थे। इस तरह से सट्टेबाजी की शुरुआत हुई जिसे ‘मटका’ के नाम से जाना गया।

1970 के दशक तक सट्टा मटका Satta Matka काफी लोकप्रिय हो गया। मुंबई के बाहर भी इसका प्रचलन फैलने लगा। राजधानी एक्सप्रेस नाम की पहली मटका कंपनी की स्थापना इसी दौरान हुई जिसने मटका जुआ को और बढ़ावा दिया। 1980 के दशक तक मटका ने मुंबई की अंडरवर्ल्ड से जुड़ी गतिविधियों में अहम स्थान बना लिया।

1990 के दशक में सट्टा मटका Satta Matka का कारोबार और बढ़ा क्योंकि इस समय तक टेलीफोन और मोबाइल फोन के जरिए सट्टा लगवाना आसान हो गया था। अब देशभर के लोग मटका में दांव लगाने लगे थे। 2000 के दशक में इंटरनेट के आने से ऑनलाइन मटका वेबसाइट्स शुरू हुईं जिससे इसका कारोबार और भी बढ़ गया।

आज सट्टा मटका Satta Matka एक बहुत बड़ा गैरकानूनी कारोबार बन चुका है जो कई हज़ार करोड़ रुपये का है। मुंबई, दिल्ली, गुजरात आदि राज्यों में बड़े पैमाने पर सट्टा मटका चलता है। इस कारोबार को कई ‘माफिया’ और ‘डॉन’ चलाते हैं। यद्यपि गैरकानूनी होने के बावजूद सट्टा मटका Satta Matka आज भी काफी लोकप्रिय सट्टा बना हुआ है।

इस प्रकार 1960 के दशक में मुंबई से शुरू हुआ सट्टा मटका आज एक बहुत बड़ा अवैध कारोबार बन चुका है जिसमें करोड़ों रुपये का टर्नओवर होता है। यह जुआ अब भी काफी लोकप्रिय है जबकि इसपर कानूनी प्रतिबंध लगे हुए हैं।

सट्टा मटका का सबसे तेज परिणाम कब आता है

सट्टा मटका Satta Matka में परिणाम कई प्रकार के होते हैं जैसे – ओपन, क्लोज, सिंगल, जोड़ी, ट्रिपल पन्ना आदि। इनमें से सबसे तेज और लोकप्रिय परिणाम ‘सिंगल पन्ना’ होता है।

सिंगल पन्ना single panna में केवल एक अंक (0-9) निकलता है। इसका रिजल्ट हर दिन कई बार आता रहता है – सुबह, दोपहर, शाम और रात को। सबसे पहला रिजल्ट सुबह करीब 11:00 बजे आता है जिसे ‘मॉर्निंग’ कहा जाता है। इसके बाद दोपहर 12:00 बजे, शाम 4:00 बजे और रात 8:00 बजे पर भी सिंगल पन्ना निकलता है।

इन सिंगल पन्ना single panna Results के रिजल्ट का सबसे ज्यादा उत्साह देखने को मिलता है क्योंकि यह सबसे तेज होते हैं और पैसे जीतने या हारने का परिणाम मिनटों में आ जाता है।

सिंगल पन्ना single panna के अलावा ओपन और क्लोज भी तेज परिणाम होते हैं। ओपन में हर दिन एक 3 अंकों की संख्या निकलती है जैसे 356 या 129 आदि। क्लोज में भी एक 3 अंकों का नंबर निकलता है जो ओपन के नंबर के आधार पर होता है।

इन तीनों परिणामों के अलावा जोड़ी और ट्रिपल पन्ना भी होते हैं पर ये धीमे होते हैं। जोड़ी में दो अंकों का जोड़ा निकलता है जबकि ट्रिपल में तीन अंकों का सेट निकलता है।

सिंगल के चार परिणाम एक दिन में आने के कारण लोग इनपर सबसे ज्यादा पैसे लगाते हैं। कुछ मिनटों में ही पैसा डबल या फिर डूब जाता है इसलिए इस पर लोगों का जुनून सबसे ज्यादा रहता है। हालांकि इसमें जोखिम भी बहुत अधिक होता है।

इस प्रकार सिंगल पन्ना सबसे तेज और लोकप्रिय सट्टा मटका Satta Matka परिणाम है जिसपर पंटर दिन में कई बार अपनी किस्मत आजमाते रहते हैं। यह एक खतरनाक आदत है जिसमें पैसे और समय दोनों की बर्बादी होती है।

Note – भारत में सट्टा या लॉटरी खेलना अपराध है. इसके लिए आपको प्रेरित नहीं कर रहा है. यह गेम आप अपने रिस्क पर ही खेल सकते हैं. 

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